यशोदा तेरा नटखट है श्याम नंदलाला
उधम मचाते है गोकुला में निराला।।
जहा देखे वहा इनकी ही चर्चा है।
दही दूध माखन का ही तो ख़र्चा है।।
कान को पकड़ इनको नचाती ग्वाल-वाला।
यशोदा तेरा नटखट है श्याम नंदलाला।।
नया साल आया
नया है सवेरा,
इस नूतन वर्ष में
सबका हो बसेरा |
सबका जीवन सुखमय हो
अब कोई न हो बखेड़ा |
जन-जन में घुले प्रेमरस,
क्या है तेरा क्या है मेरा |
इस नूतन किरणों के संग,
सबका हो नया सवेरा |